देवी अंबाबाई आरती | Devi Ambabai Aarti

अश्विन शुद्धपक्षी अंबा बैसली सिंहासनी हो|
प्रतिपदेपासूनी ती घटस्थापना करूनी हो|
मूलमंत्र जप करूनी भोवते रक्षक ठेवूनी हो|
ब्रम्हाविष्णूरुद्र आईचे पूजन करीती हो|

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