भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्माम्बराय च ।पशूनां पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् ॥ २ ॥ भस्मोद्धूलितदेहाय व्यालयज्ञोपवीतिने
Category: श्री महादेव

मनोबुद्ध्यहङ्कार चित्तानि नाहंन च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे ।न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुःचिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥१॥चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥ न च

ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन

श्री विष्णुपुत्रं शिवदिव्यबालं मोक्ष प्रदं दिव्यजनाभिवन्द्यम् ।
कैलासनाथ प्रणवस्वरूपं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ १॥
अज्ञानघोरान्ध धर्म प्रदीपं प्रज्ञानदान प्रणवं कुमारम् ।
लक्ष्मीविलासैकनिवासरङ्गं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ २॥

शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम् नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम्
घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घं न्निनादम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् |

।। श्रीगणेशाय नम: ।। विनियोग ॐ अस्य श्रीशिवकवचस्तोत्रमंत्रस्य ब्रह्मा ऋषि: अनुष्टप् छन्द:।श्रीसदाशिवरुद्रो देवता। ह्रीं शक्ति:।रं कीलकम्। श्रीं ह्री क्लीं बीजम्।श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थे शिवकवचस्तोत्रजपे विनियोग:। कर-न्यास ॐ नमो

ॐ शिवाय नमः। Om Shivaya Namah।
ॐ महेश्वराय नमः। Om Maheshwaraya Namah।
ॐ शंभवे नमः। Om Shambhave Namah।
ॐ शशिशेखराय नमः। Om Shashishekharaya Namah।

जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

लवथवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा,
वीषे कंठ काळा त्रिनेत्री ज्वाळा
लावण्य सुंदर मस्तकी बाळा,
तेथुनिया जळ निर्मळ वाहे झुळझुळा ॥