॥ बालकाण्डः ॥
शुद्धब्रह्मपरात्पर राम ।
कालात्मकपरमेश्वर राम ।
शेषतल्पसुखनिद्रित राम ।
ब्रह्माद्यमरप्रार्थित राम ।
चण्डकिरणकुलमण्डन राम ।
Category: श्री राम
चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् ।
एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम् ॥ 1॥
ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् ।
जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ॥ 2॥
श्री रघुबीर भक्त हितकारी,
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ।
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई,
ता सम भक्त और नहिं होई ।
ॐ श्रीरामाय नमः। Om Shriramaya Namah।
ॐ रामभद्राय नमः। Om Ramabhadraya Namah।
ॐ रामचन्द्राय नमः। Om Ramachandraya Namah।
ॐ शाश्वताय नमः। Om Shashwataya Namah।
उत्कट साधुनि शिळा सेतू बांधोनी ।
लिंगदेह-लंकापुरि विध्वंसूनी ॥
कामक्रोधादिक राक्षस मर्दूनी ।
देह-अहंभाव रावण निवटोनी ॥ १ ॥