श्री हरि स्तोत्रम्

सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥ 2 ॥

जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥ 4 ॥

समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशंजगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहंसुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥ 6 ॥

रमावामभागं तलानग्रनागंकृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतंगुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥ 8 ॥

॥ फलश्रुति ॥


अन्य स्तोत्र संग्रह


आदित्य हृदय स्तोत्र | Aditya Hridaya Stotra
श्री गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र | Ganesha Lakshmi Stotra
श्री सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् | Siddha Kunjika Stotram
दुर्गा सप्तशती क्षमा प्रार्थना | Durga Saptashati Kshama Prarthana
शिव तांडव स्तोत्रम् | Shiv Tandav Stotram
श्री गकार गणपति अष्टोत्तर शतनामावली स्तोत्रम | Gakara Ganapati Ashtottara Shatanama Stotram
श्री कनकधारा स्तोत्रम् । Kanakadhara Stotram
श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम् | Shri Laxmi Narayan Stotram
शिवषडक्षरस्तोत्रम् | Shivashadakshara Stotram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *