ॐ अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य
देवमृत्विजम होतारं रत्नधातमम ॥ १॥
अग्नि पूर्वेभिॠषिभिरिड्यो नूतनैरुत ।
स देवाँ एह वक्षति ॥ २॥
अग्निना रयिमश्न्वत् पोषमेव दिवेदिवे।
यशसं वीरवत्तमम् ॥ ३॥
अग्ने यं यज्ञमध्वरं विश्वत परिभूरसि।
स इद्देवेषु गच्छति ॥ ४॥
अग्निहोर्ता कविक्रतु सत्यश्चित्रश्रवस्तम ।
देवि देवेभिरा गमत् ॥ ५॥
यदग्ङ दाशुषे त्वमग्ने भद्रं करिष्यसि ।
तवेत्तत् सत्यमग्ङिर ॥ ६॥
उप त्वाग्ने दिवेदिवे दोषावस्तर्धिया वयम् ।
नमो भरन्त एमसि॥ ७॥
राजन्तमध्वराणां गोपांमृतस्य दीदिविम् ।
वर्धमानं स्वे दमे ॥ ८॥
स न पितेव सूनवेग्ने सूपायनो भव ।
सचस्वा न स्वस्तये ॥ ९॥
अन्य सूक्तम् संग्रह
![श्री सांपुटिक श्री सूक्त | Shree Samputik Shree Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2023/08/श्री-सम्पुटिक-श्री-सूक्त_3-150x84.jpg)
श्री सांपुटिक श्री सूक्त | Shree Samputik Shree Suktam
![नारायण सूक्तम् | Narayan Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2023/11/नारायण-सूक्तम्_3-150x84.jpg)
नारायण सूक्तम् | Narayan Suktam
![श्री लक्ष्मी सुक्तम् | श्री सूक्तम् | Sri Lakshmi Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2023/11/श्री-सूक्तम्_4-150x84.jpg)
श्री लक्ष्मी सुक्तम् | श्री सूक्तम् | Sri Lakshmi Suktam
![दुर्गा सुक्तम् | Durga Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2023/08/दुर्गा-सूक्तम्_3-150x85.jpg)
दुर्गा सुक्तम् | Durga Suktam
![लक्ष्मी सुक्तम् | Laxmi Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2023/11/लक्ष्मी-सुक्तम्1-150x85.jpg)
लक्ष्मी सुक्तम् | Laxmi Suktam
![पुरुष सूक्तम् | Purush Suktam](https://brahmabhakti.com/wp-content/uploads/2024/06/पुरुष-सूक्तम्_2-150x84.jpg)
पुरुष सूक्तम् | Purush Suktam