ज्ञानेश्वरी अध्याय चौथा | Dnyaneshwari Adhyay-4

आजि श्रवणेंद्रिया पिकलें । जे येणें गीतानिधान देखिलें ।आता स्वप्नचि हें तुकलें । साचासरिसें ॥ १ ॥ आधी विवेकाची गोठी । वरी प्रतिपादी कृष्ण जगजेठी

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श्री हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली | हनुमान 108 नामावली | Ashtottara Shatanamavali of Shree Hanuman

ॐ आञ्जनेयाय नमः।
Om Anjaneyaya Namah।
ॐ महावीराय नमः।
Om Mahaviraya Namah।
ॐ हनूमते नमः।
Om Hanumate Namah।
ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।
Om Sarvamayavibhanjanaya Namah।

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श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामावली | कृष्ण 108 नामावली | Ashtottara Shatanamavali of Lord Krishna

ॐ कृष्णाय नमः। Om Krishnaya Namah।
ॐ कमलानाथाय नमः। Om Kamalanathaya Namah।
ॐ वासुदेवाय नमः। Om Vasudevaya Namah।
ॐ सनातनाय नमः। Om Sanatanaya Namah।

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श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली | राम 108 नामावली | Ashtottara Shatanamavali of Lord Rama

ॐ श्रीरामाय नमः। Om Shriramaya Namah।
ॐ रामभद्राय नमः। Om Ramabhadraya Namah।
ॐ रामचन्द्राय नमः। Om Ramachandraya Namah।
ॐ शाश्वताय नमः। Om Shashwataya Namah।

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श्री शिव अष्टोत्तर शतनामावली | शिव 108 नामावली | Ashtottara Shatanamavali of Lord Shiva

ॐ शिवाय नमः। Om Shivaya Namah।
ॐ महेश्वराय नमः। Om Maheshwaraya Namah।
ॐ शंभवे नमः। Om Shambhave Namah।
ॐ शशिशेखराय नमः। Om Shashishekharaya Namah।

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108 names of Ganesha | Ganesha Ashtottara Shatanamavali

ॐ गजाननाय नमः। Om Gajananaya Namah।
ॐ गणाध्यक्षाय नमः। Om Ganadhyakshaya Namah।
ॐ विघ्नराजाय नमः। Om Vighnarajaya Namah।
ॐ विनायकाय नमः। Om Vinayakaya Namah।

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श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनामावली | विष्णु 108 नामावली | Ashtottara Shatanamavali of Shree Vishnu

ॐ विष्णवे नमः। Om Vishnave Namah।
ॐ लक्ष्मीपतये नमः। Om Lakshmipataye Namah।
ॐ कृष्णाय नमः। Om Krishnaya Namah।
ॐ वैकुण्ठाय नमः। Om Vaikunthaya Namah।

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ज्ञानेश्वरी अध्याय तिसरा | Dnyaneshwari Adhyay 3

अर्जुन उवाच:ज्यायसी चेत् कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।तत् किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥ १ ॥ मग आइका अर्जुनें म्हणितलें । देवा तुम्हीं जें वाक्य

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ज्ञानेश्वरी अध्याय दुसरा | Dnyaneshwari Adhyay 2

संजय उवाच : तं तथा कृपयाविष्टमश्रूपूर्णाकुलेक्षणम् ।विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥ १॥ मग संजयो म्हणे रायातें । आइकें तो पार्थु तेथें ।शोकाकुल रुदनातें । करितुसे ॥ १॥

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श्री तुळशी आरती

जय देवी जय देवी जय माये तुळशी ।
निजपत्राहुनि लघुतर त्रिभुवन हें तुळसी ॥ ध्रु० ॥
ब्रह्मा केवळ मूळीं मध्यें तो शौरी ।
अग्रीं शंकर तीर्थें शाखापरिवारीं ।

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ज्ञानेश्वरी अध्याय पहिला | Dnyaneshwari Adhyay 1

ॐ नमोजी आद्या । वेद प्रतिपाद्या ।जय जय स्वसंवेद्या । आत्मरुपा ॥१॥ देवा तूंचि गणेशु | सकलमति प्रकाशु |म्हणे निवृत्ति दासु | अवधारिजो जी ||२||

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