दत्तस्तवस्तोत्र

श्री दत्तस्तवस्तोत्र | Shri Dattastav Stotram

शरणागतदीनार्थतारकाsखिलकारक ।
सर्वचालक देव त्वं मम चित्तं स्थिरीकुरु ।।

स्मर्तुगामी स्वभक्तानां कामदो रिपुनाशनः ।
भुक्तिमुक्तिप्रदः स त्वं मम चित्तं स्थिरीकुरू ।।

य एतत्प्रयतः श्लोकपंचकं प्रपठेत्सुधीः ।
स्थिरचितः स भगवत्कृपापात्रं भविष्यति ।।

।। इति श्री परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री वासुदेवानंद सरस्वती
विरचितं श्री दत्तात्रेय स्तोत्रं संपूर्णम् ।।

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