श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीपांडुरंग रुक्मिणीरंगा ॥ मुनीमानस ह्रदयभृंगा ॥नाम अनामातीत अभंगा ॥ नेई भंगा दुरितातें ॥ १ ॥ ऐका श्रोते सादर आतां ॥ मागील
Category: पुरुषोत्तम मास कथा
श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ जयश्री सर्वोत्तम वासुदेवा ॥ दामोदरा अनंता केशवा ॥क्षीराब्धिजामाता रमाधवा ॥ देवाधिदेवा दयानिधे ॥ १ ॥ तव चरणसरोजीं प्रेमा ॥
श्रीगणेशाय नमः ॥ जय सद्गुरु समर्था ॥ अनाथनाथा कृपावंता ॥मुमुक्षु शरणांगत होता ॥ जन्मवार्ता तया नाहीं ॥ १ ॥ ऐसे देतसां कृपादानासीं ॥ म्हणोनि शरणांगत
श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ गुरवे नमः ॥ जयजयाजी रुक्मिणीरमणा ॥ कृपासागरा दयाघना ॥तव स्मरणें अघ नाशना ॥ जायं निरसून तात्काळ ॥ १ ॥
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ गुरवे नमः ॥ जयजयाजी रुक्मिणीरमणा ॥ कृपासागरा दयाघना ॥तव स्मरणें अघ नाशना ॥ जायं निरसून तात्काळ ॥ १
श्री गणेशाय नमः ॥ जयजयाजी रामचंद्रा ॥ अयोध्यावासिया रघुवीरा ॥दयावंता कृपासागरा ॥ नेई पैलतीरा पंथ हा ॥ १ ॥ तव कृपेची अखंड नौका ॥ परतीरा
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीरामचंद्राय नमः ॥ जय रुक्मिणीवरा ॥पांडुरंगा दीनोद्धारा ॥ कृपासागरा करुणाकरा ॥ वेदोद्धारा दीनबंधो ॥ १ ॥ अनाथनाथा दयासिंधो
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीराम जयराम राघवा ॥ पतितपावना रमाधवा ॥करुणानिधे दयार्णवा ॥ देवाधिदेवा दीनबंधो ॥ १ ॥ तव चरणसरोजीं मीन ॥ राहो सदा होऊनि
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ नमूं आतां सद्गुरु ॥ जो पराचाही परपरु ॥जयाचे कृपेनें पसरु ॥ ग्रंथ निर्धार चाले हा
श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरवे नमः ॥ जयजयाजी गुरुराया ॥ मोरेश्वरमहाराजया ॥नमन तुमचियां पायां ॥ करा छाया कृपेची ॥ १ ॥ तुमचिया कृपेची
श्री गणेशाय नमः ॥ जय अयोध्यावासी श्रीरामा ॥ चराचराच्या फलांकितद्रुमा ॥सदासर्वदा तव नामी प्रेमा ॥ दे नाम महिमा पतिता पै ॥ १ ॥ तोडुनियां भवपाश
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ जयजयाजी रघुराया ॥ नमन माझे तुमच्या पायां ॥करुणा करावी सखया ॥ करा छाया कृपेची ॥
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ जय सद्गुरुनाथ समर्था । तुमचे चरणीं माझा माथा ॥सदा सर्वदां राहो देई ताता ॥ ऐसा
श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीसरस्वत्यै नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ श्रीसीतारामचंद्राभ्यां नमः ॥ श्रीपांडुरंगाय नमः ॥ ॐ नमोजी गणराजा ॥ एकदंता चतुर्भुजा ॥फरशपाणि अधोक्षजा ॥